S.Y

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एक मुलाक़ात....❣️( भाग - 17 )

नेक्स्ट दे कॉलेज 



अनिशा का आज बर्थडे था तो आज वो बहुत हि अलग लुक मे आई थी आज उसने रोज़ कि तरह जीन्स या वेस्टन नहीं पहना था आज उसने ऑफ शोल्डर पिच कलर का लौंग कुर्ती पहनी थी गले मे पतला सा चोकर नो मेकअप सिर्फ हल्का काजल और हलकी सी पिंक लिपस्टिक कुल मिला के आज अनिशा केहर ढा रही थी सिंपल लुक मे ,,,,,मिशा अनिशा नील केंटीन मे आ गए कुछ देर बाद मिताली विवान और आरव भी आ गए मिताली और आरव किसी बात पर बहस कर रहे थे विवान सीधा जा कर मिशा के पास चला गया आरव कि नाराज़ अनिशा पर गई तो बस नाराज़ हट हि नहीं पाई मिताली ने देखा तो उस् कि नज़र का पीछा किया तो पाया महासे अनु को देख रहे है 

मिताली ने ये देख कर सर पीट लिए और बोली "कमीने दूर से हि देख बोलियो मत कुछ ,,,,, एन्वी खड़ा रह और फिर कोई और ले जाए"।।

आरव - ओय ऐसे मत बोल यार और कोई नहीं ले जा पायेगा थोड़ा वेट कर बता दूँगा तीन महीने बचे है जल्दी बता दूँगा ।।

मिताली - ओए सुन वेलेनटाइन्स् डे के लिए कुछ प्लेन करें देख मुझे पता है कि तुझे ये बात पता है कि नील और अवनि का क्या सीन है और विवान मिशा का कल क्लियर हो गया तेरा बचा है तो कुछ प्लेन करें वेलेनटाइन्स् डे का ।।

आरव - हा ओय क्या आईडिया है नोट बेड मेरे साथ समझदार हो गई है😎 नोट बेड हाँ 😂😂😂

मिताली खीजते हुए बोली - चुप बे कुछ भी मत बोल वरना धरती फ़ट जयेगी तेरा झूठ सुनके 😂😂

आरव उसे घुर ने लगा दोनों कि लड़ाई शुरू हो गई ,,,,नील ने दोनों को देखा और बोला ,,,,

नील- ओय तुम दोनों का टॉम एंड जेरी हो गया हो तो आ जाओ क्लास के लिए भी जाना है दोनों ने एक बार एक दूसरे को घुरा और क्लास मे चलें आए क्लास के बाद सब केंटीन मे आ गए अनिशा बुक्स रेपुब्लिश कराने लाइब्रेरी चली गई ।।

लाइब्रेरी मे उसने बुक्स दी और लास्ट कि रो से बुक निकालने चली गई बुक ऊपर थी तो उसने छोटा‌ इस्टूल लिया और उसपर चड़ के बुक निकालने लगी उसका हाथ पहुच तो गया बुक तक लेकिन उसका बेलेंस बिगड़ गया और वो बुक सहित गिर गई डर से उसने आंखे बंद कर ली फिर उसे अहसास हुआ कि गिरने से उसे लगी क्यूँ नहीं उसने आंखे खुली तो सामने आरव बड़े प्यार से उसे देख रहा था (दरअसल आरव अनु कि नाकाम कोशिश बड़ी देर से देख रहा था और जब गिरने को हुई तो बस हीरो स्टाइल मे बचा लिए अपनी हेरोइन को )

अनु - तुम यहाँ क्या कर रहे हो और मुझे गोद मे क्यूँ पकड़ा है,,,, छोड़ो मुझे ,,,,,हिम्मत कैसे हुई मुझे छुने कि छोड़ो मुझे (बल्कि सच तो ये था  कि आरव कि छुअन् से अनु को कुछ कुछ होने लगा🤭🤭🤭🤭 ) 

आरव - सच मे छोड़ दूँ न बाद मे मत बोला कि मैंने कुछ गलत किया ।।

अनु - तुम मुझे छोड़ रहे हो कि नहीं ।।

आरव ने झुनझलाते हुए अनु को छोड़ दिया अनु सीधा ज़मीन पर गिर पड़ी ।।

अनु (दर्द से कर्हाते हुए ) आह मम्मी जी मेरी कमर ,,,,पागल हो क्या मैंने गिराने को नहीं छोड़ने को कहा था ,,,,र्निद्ई आदमी ।।

आरव - तुम हि बोल रही थी कि छोड़ो मुझे छोड़ो तो छोड़ दिए ,,,,,ये थोड़े बोली थी कि उतारो मुझे उतारने को बोलती तो उतारता ।।

अनु उसे घुरने लगी आरव ने आपने हाथ आगे बढ़ाया अनु ने हाथ पकड़ा और उठ गई ,,,,,दोनों वहां से बाहर आ गए कोर्रिडॉर मे साथ चल रहे थे अनु अभी भी अपनी कमर पकड़ कर सेहला रही थी ,,,,,

आरव ने उसे देखा और बोला - सॉरी ज्यादा जोर से लगी हा न ,,,,,यार तुम हि बोल रही थी छोड़ दो तो छोड़ दिया सॉरी ।।

अनिशा - दिमाग तो इस्तेमाल कर नहीं सकते ठीक जगह ,,,,,,फालतू का दिमाग लगाने को बोलदो झेंगुर 😕😕

दोनों नोकझोक करते हुए केंटीन मे आ गए तो केंटीन मे सारे दोस्त तब पर बैठे थे आसपास बल्लोन्स थे और बीच मे टेबल पर केक रखा था ये देख अनिशा के चेहरे पर मुस्कान आ गई वो उन सब के पास आ गई एक बार फिर से सबसे उसे विश किया केक काटा और मस्ती करने लगे ,,,,,,

सब अपने मे लगे थे तभी अनिशा को कॉल आया तो वो बाहर चली आई गार्डन मे बात करते हुए वो पर्किंग मे आ गई बात करके वो जाने लगी कि 14 15 साल का एक लड़का उसके पास आया और अनिशा को एक बड़ा सा वाइट लिल्ली का बुके उसे दे दिया अनिशा ने पूछा तो उसने बताया कि एक भाइया ने दिया है अनिशा को लगा आरव ने दिया है तो उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई उसने बुके लिया और उस लड़के को पैसे दे थैंक यू बोल के भेज दिया ।।

सब घर आ गए अनु रूम मे गई सबके गिफ्ट्स रखे और बुके उठा लिया उसने उसे देखा और मुस्कुराते हुए उसमें से कार्ड निकाला पर कार्ड को पड़ते हि उसके चेहरे के भाव बदल गए मुस्कान गायब हो गई आँखों मे नमी आ गई कार्ड हाथ से छूट गया कांपते होंटो से उसने बोला -  वी,,,,विद,,,,,विद्युत ,,,,,ये कैसे हो सकता है ,,,,,ये फिरसे नहीं नहीं कभी नहीं ,,,,,,मैं उसे प्यार नहीं करती,,,,,, अब तो मेरे दिल दिमाग मे सिर्फ वो हि बस्ता है मैं नहीं कर सकती ये कैसी दुविधा मे डाल दिया भगवान ____मैं,,,,,मैं अब आरव से प्यार करती हूँ ,,,,,जब ऐसा करना हि था तो प्यार का एहसास कराया हि क्यूँ मुझे नहीं ,,,,,मैं विद्युत को हमारे बीच नहीं आने दूंगी ,,,,,,,पर क्या करुँ मैं पूरे समय तो आरव से लड़ती रहती हूँ ,,,,,,पर वो मुझसे मिलना क्यूँ चाहता है एक बार फिर से अनु ने वो कार्ड उठाया और पड़ा उसमें विद्युत् ने मिले को बुलाया था एड्रेस था उसने उसे पड़ा और कुछ सोचने लगी उसने कार्ड को और बुके को डस्बीन मे फेक दिया और वोशरूम मे चली गई और थोड़ी देर बाद आ कर लेट गई मन में उथल पुथल हो रही थी ,,,,,उसी वक़्त बाहर दुकान पर गाना बजने लगा 

दिल मेरा है नासमझ कितना
बेसबर ये बेवक़ूफ़ बड़ा
चाहता है कितना तुझे
खुद मगर नहीं जान सका

गाने के अल्फाज अनु के दिल का हाल बया कर रहे थे उसकी आँखों के सामने आरव के साथ कि पहली मुलाकात याद आ गई ।।

इस दर्द-ए-दिल की सिफारिश
अब कर दे कोई यहाँ
के मिल जाए इसे वो बारिश
जो भीगा दे पूरी तरह 

क्या हुआ असर तेरे साथ रह कर न जाने
के होश मुझे न रहा
लफ्ज़ मेरे थे जुबां पे आके रुके
पर हो न सके वो बयां
धड़कन तेरा ही नाम जो ले
आँखें भी पैग़ाम ये दे
तेरी नज़र का ही ये असर है, मुझपे जो हुआ
इस दर्द-ए-दिल की सिफारिश...




आरव के साथ लड़ना आरव का चिड़ान उसके साथ मे किया प्ले याद कर के उसके चेहरे पर मुस्कान छा गई उसने फोन उठाया और कल के बर्थडे कि पिक मे मिस्टर आरव को जूम करके देखने लगी ।।


तू जो मिला तो ज़िन्दगी है बदली
मैं पूरा नई हो गई
है बे असर दुनिया की बातें बड़ी
अब तेरी सुनूँ मैं सदा
मिलने को तुझसे बहाने करूँ
तू मुस्कुराये वजह मैं बनूँ
रोज़ बिताना साथ में तेरे, सारा दिन मेरा
इस दर्द-ए-दिल दिल की सिफारिश...

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दूसरी तरफ 

एक बड़े से रूम मे विद्युत एक हाथ मे बियर कि गिलास और दूसरे हाथो मे सिगरेट लिए सामने अनिशा कि पेंटिंग देख रहा तक ,,,,,पूरे कमरे मे अनिशा कि हि तस्वीरें थी कुछ हाथो से पेंट कि हुई कुछ खींचीं हुई ,,,,,,

एक पेंटिंग के पास खड़ा हो के विद्युत उसे निहार रहा था और एक तिरछी मुस्कान दे के वो बोला - हाय एनी बेबी कल तो तुम मेरे सामने होगी तुम्हें सामने से देखूंगी ,,,,,, तुम फोटोज से ज्यादा हसीन सामने से लगती हो बस कल का इंतज़ार है ,,,,,बस कल फिर चाह कर भी तुम मुझे दूर नहीं जाओगी ,,,,,,और मेरी बनके रह जाओगी,,,,,,आज का दिन हे जिसे भी याद करलो उसके बाद तुम्हारे जुबां पर सिर्फ मेरा नाम होगा सिर्फ मेरा और फिर उसने किसी को कॉल किया

आदमी -  बोस काम हो गया है हमारी नज़र उसपर हि है ।।

विद्युत - गुड मुझे सब बताते रहना थोड़ी सी चुक भी बर्दाश् नहीं है मुझे ।।

आदमी - ओके बॉस ।।

फिर कॉल कट कर के एक बार फिर से पेंटिंग पर हाथ फेरा और तस्वीर को हि किस कर लिया 🤦 और वहां से चला गया ।।

______________________________नेक्स्ट डे


आज अनिशा सुबह उठी लेकिन एक कश्मकश मे आज उसके चेहरे पर वो चमक नहीं थी बल्कि उदासी थी रूखे मन से वो उठी और तैयार होके कॉलेज आ गई,,,,,वहां भी उसने किसी से कोई खास बात नहीं कि सबने ये बात नोटिस कि सबने उस से कुछ नहीं पूछा ,,,,कॉलेज का पूरा टाइम ख़ामोशी से कटा सब अपने अपने घर आ गए ,,,,,

लेकिन् अनिशा कि ख़ामोशी आरव को परेशान कर गई क्यूँ कि आज अनिशा ने उसकी तरफ देखा तक नहीं,,,,,, उसे लगा कि कहीं कल कि हरकत कि वजह से तो नाराज़ या गुस्सा नहीं पर गुस्से कि जगह उसे उदासी दिखी जिसे वो बैचेन सा हो गया और अनु के बारे मे सोचने लगा ।।

दूसरी तरफ अनिशा बैमन से तैयार हो के घर से निकल गई ,,,,,आधे घंटे बाद वो एक होटल के बाहर रुकी ,,,,गाड़ी रुकते हि अनिशा कि धड़कन भी तेज़ हो गई और दिल मे घबराहट होने लगी ,,,,,भारी कदमों के साथ वो अंदर आ गई हेल्पर बॉय ने उसे लिया और टेरेस पर आ गया ,,,,,,पूरा टेरेस लाल गुलाब और केडेल से सजा था अनु कि फोटोज लगी थी एक टेबल और उसपर बहुत सारे बुके रखे थे ,,,,,,,ये सब देख कर अनिशा कुछ खास खुशी नहीं हुई ,,,,,उड़ने खुद को शांत किया और विद्युत को आवाज़ लगाई ,,,,,तभी पीछे से किसी उसे आवाज़ दी 

विद्युत - "एनी "

ये सुनते हि अनिशा कि धड्कने तेज़ हो गई उसने अपनी आंखे भिच ली और पीछे पलटी और धीरे से अपना सर उठा के विद्युत् को देखा ,,,,,,,पर उसे देख कर उसे कोई ख़ुशी नहीं हुई,,,,,,उसने हल्के से मुस्कुरा दिया ,,,,,विद्युत् आगे बड़ा और अनिशा को हग कर लिए ,,,,,,अनिशा आसहज हो गई उसे विद्युत् का गले लगाना बिल्कुल अच्छा नहीं लगा ,,,,,,उसने खुद को आराम से उससे दूर किया ,,,,,,,विद्युत् उससे दूर हुआ और खुश होते हुए बोला 

विद्युत - एनी यू नोव व्हाट आज तुम्हें अपने सामने देख कर् मुझे कितनी ख़ुशी हो रही है ,,,,,,,

अनिशा - ये सब क्या है विद्युत और तुम यहाँ तुम तो इंडिया मे नहीं रहते ना तो फिर आज इतने सालो बाद अचानक  क्यूँ ।।

विद्युत - तुम्हारे लिए एनी प्यार करता हूँ तुमसे ,,,,,,और तुम भी तो मुझ से प्यार करती हो ना ,,,,,,या कोई और बस गया इस दिल मे (एक अजीब से भाव मे बोला ) 

अनिशा - किसने कहा तुमसे कि में तुमसे प्यार करती हूँ और ये क्या बक्वास कर रहे हो ,,,,और नहीं करती मैं किसी से प्यार समझे तो क्या बात करनी थी वो बताओ ।।

विद्युत (टेढी स्माइल दे कर बोला) - ओ हो एनी बेबी भड़क क्यूँ रही हो ,,,,,रिलेक्स मे तो तुमसे अपनी शादी कि बात करने बुलाया था ,,,,,कल मम्मी पापा तुम्हारे घर जा रहे है ,,,,,तो सोचा तुमसे तुम्हारे मुँह से एक बार सुन लू कि तुम शादी के लिए तैयार हो बस इसलिए बुलाया ।।

उसकी बात सुन कर अनिशा हैरान हो गई और नासमझ सी अस्मजस मे विद्युत को देखने लगी और बोली - क्या मतलब है ,,,,,और कैसी शादी कौन सी शादी और किससे ,,,,,,और बिना मेरी मर्जी जाने तुम ये कैसे कर सकते हो ,,,,,,एकबात सुन लो विद्युत मैं नहीं करूंगी तुमसे कोई शादी ,,,,,,,अरे मज़ाक समझा है क्या मेरी फीलिंग्स का कि जब चाहा आए और गए,,,,,और ये प्यार नहीं पागल पन है समझे ।।

विद्युत बस एम टक उसे देख रहा था  और उसके चेहरे पर एक अजीब सी स्माइल थी अनिशा को उसका मुस्कुराना बहुत चुभ रहा ता वो झुनझलाते हुए आगे कुछ बोलने को हुई कि विद्युत के पीछे लगी स्क्रीन को देख देख उसकी आंखे हैरानी से बड़ी हो गई उसके शब्द गले मे हि अटक गए ।।

सामने स्क्रीन पर काव्या थी जो बेहोश सी कुर्सी से बँधी हुई थी मुँह पर कपड़ा बंधा था और अगल बगल गन पॉइंट किये दो आदमी ये देख कर अनिशा कि आँखों मे आंसू आ गए वो मुड़ी और विद्युत के गाल पर एक तमाचा जड़ दिया,,,,,, विद्युत अभी भी ढीट सा मुस्कुरा रहा था ,,,,,,

अनु ने (उसका कोलर पड़ा और गुस्से से उसे घूरती हुई बोली) - क्यूँ कर रहे हो ये सब,,,,, क्या चाहते हो बोलो ,,,,,,देखो तुम्हें मुझसे मतलब है ना तो प्लीज कवी को छोड़ दो उसे एक खरोच् भी आई ना तो मे भूल जाउंगी कि मैंने कभी तुमसे प्यार किया था ,,,,,,,प्लीज छोड़ दो उसे बोलते हुए अनिशा रोते रोते जमीन् पर धम से गिर गई और अपने दोनों हाथो से मुँह छुपा लिया ।।

विद्युत विजय मुस्कान लिए बोला - ज्यादा नहीं कल् मेरे साथ शादी के लिए "हा" कर देना ख़ुशी ख़ुशी बस ,,,,,इसे मैं छोड़ देता हूँ ,,,,,पर ,,,,पर  अगर कुछ उल्टा किया तो ,,,,भूलना मत कि मेरी नज़र सब पर है ,,,,,फिर किसी को कुछ होगा तो उसकी ज़िमेदार तुम होगी बस (उसने अनिशा का चेहरा ऊपर करते हुए कहा )

अनिशा बेबसी से आँखों मे आंसू लिए उसे देख कर बोली - ये प्यार नहीं ज़िद और जूनून है विद्युत इसमें प्यार कभी हासिल नहीं होगा तुम्हें,,,,,, मुझसे शादी करके सिर्फ नफ़रत मिलेगी क्यूँ कि तुमने मुझसे नहीं मेरे ज़िस्म् से प्यार किया है सिर्फ मुझे पाना चाह्ते हो ,,,,,,आज खुद पर गुस्सा आ रहा कि किस घटिया इंसान से प्यार किया मैंने (और अपनी जलती आँखों से उसे देखते हुए अपना चेहरा दूसरी तरफ मुड़ लिया)।।

विद्युत मुस्कुराते हुए उठा और वहां से चला गया अनिशा अभी भी ज़मीन को एक तक देख रही थी ,,,,,,,कल तक सब ठीक था अचानक से तूफान आया और उजाड़ कर चला गया ,,,,,,अनिशा कि लाइफ में बहुत बड़ा तूफान आ गया था ,,,,,एक तरफ उसे अपने प्यार का अहसास हो गया था कि वो आरव से प्यार करती और दूसरी तरफ विद्युत के जूनून के चकर मे अपनी फेमिली कि जान भी बचानी है क्या करेगी ये तो समय बताएगा ,,,,,,एक तरफ कुआँ है और दूसरी तरफ खाई ,,,,,एक तरफ प्यार दूसरी तरफ परिवार ,,,,,,,अनिशा वहां से उठी अपने आंसू पूछें और घर कि ओर निकल  गई ।।


_________________________To be continued💜💜



आप सबको 


✍✍सुधा यादव

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11 Comments

Pamela

03-Feb-2022 12:17 AM

Bahut badhiya kahani likhi h aapne.. padh kar achcha lag raha hai...👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌

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S.Y

03-Feb-2022 12:42 AM

थैंक यू सो मच 😀❣️🥰

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Sandhya Prakash

01-Feb-2022 03:06 PM

Ye vidhyut to bada harami nikla h, Anisha ki ankho me ansu le ayaa, lekin isase ek bat achchi ho gayi Anisha samjh gayi apane man ki bat.., dekhte hn aage kya karti h vo. Bhaut khubsurat kahnai likhi h aapne

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S.Y

03-Feb-2022 12:43 AM

थैंक यू सो मच इतने प्यारे कमेंट के लिए ❣️😀🥰

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Arshi khan

27-Jan-2022 12:27 AM

Very good story ab tak h aapki padh kar mjaa aa rha h g

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S.Y

03-Feb-2022 12:43 AM

थैंक यू सो मच 😀🥰❣️

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